7वां अंतरर्राष्ट्रीय साहित्य एवं संस्कृति सम्मेलन-2017 बुदापैश्त

अमृता शेरगिल सांस्कृतिक कला केंद्र, ( आई.सी.सी.आर. ) बुदापैश्त, हंगरी

7 जून 2017

विश्व हिन्दी साहित्य परिषद, भारत के तत्वावधान में आयोजित 7वां अंतरर्राष्ट्रीय साहित्य एवं संस्कृति सम्मेलन 7 जून, 2017 को हंगरी की राजधानी बुदापैश्त के अमृता शेरगिल कला केंद्र,( आई.सी.सी.आर. ) के सभाघर में आयोजित किया गया |

 

प्रथम सत्र, उदघाटन एवं लोकार्पण समारोह में हंगरी में भारतीय राजदूत महामहिम श्री राहुल छाबड़ा मुख्य अतिथि के रूप में तथा एल्ते विश्वविद्यालय से डॉ.मारिया नेज्येशी (हंगरी की प्रसिद्ध हिन्दी विद्वान), डॉ. हरीश नवल (विख्यात व्यंग्यकार), डॉ. लल्लन प्रसाद (वरिष्ठ शिक्षाविद एवं कवि ),डॉ. नूतन पांडेय (द्वितीय सचिव, मौरिशस उच्चायोग), श्री टी.पी.एस.रावत, निदेशक (अमृता शेरगिल सांस्कृतिक कला केंद्र, आई.सी.सी.आर. भारतीय दूतावास बुदापैश्त, हंगरी), श्री एस.के. अग्रवाल (प्रसिद्ध पत्रकार), डॉ.दिलीप शाक्य (हिन्दी पीठ आई.सी.सी. आर.), जैसे विद्वान अतिथि उपस्थित हुए | विश्व हिंदी साहित्य परिषद् के अध्यक्ष डॉ. आशीष कंधवे के संचालन में कार्यक्र्म का उदघाटन सत्र सम्पन्न हुआ | इस सत्र के अध्यक्ष डॉ. हरीश नवल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में हिन्दी की वैश्विक स्थिति पर अपने सार गर्भित विचार प्रस्तुत किए | मंचस्थ सभी सम्मानितजनों को अंगवस्त्र शॉल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया | इस अवसर पर प्रसिद्ध चित्रकार श्री रूपचन्द द्वारा बनाया गया राजदूत श्री राहुल छाबड़ा का चित्र भेंट स्वरूप उनको प्रदान किया गया | इस आयोजन की विशेषता यह रही कि भारत के कई जाने-माने चित्रकारों जिनमे श्री रूपचन्द, श्री हर्षवर्धन आर्य, श्री सुनील दत्त ममगाई, डॉ स्नेह सुधा नवल, श्रीमती ज्योत्स्ना सक्सेना, श्री सतीश जोशी की चित्रकला की प्रदर्शनी का उदघाटन महामहिम श्री राहुल छाबड़ा एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया | इस चित्रकला प्रदर्शनी की विशेषता यह रही कि अमृता शेरगिल कला केंद्र (ICCR) बुदापैश्त, हंगरी में "विश्व शांति" थीम पर श्री रूप चंद द्वारा 65 फीट लम्बी चित्रकला का प्रदर्शन किया गया ! विश्व हिंदी साहित्य परिषद् के अध्यक्ष डॉ. आशीष कंधवे द्वारा इस प्रदर्शीनी कॊ क्युरेट किया गया | उपस्थित अनेक लेखकों की पुस्तकों का लोकार्पण भी इस अवसर पर किया गया | भारत, हंगरी, अमरीका, कनाडा, बेल्जियम और स्विटजरलैंड से आए 72 प्रतिभागियो ने इस सम्मेलन में भाग लिया |

 

द्वितीय सत्र के अंतर्गत “सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से हिन्दी कल आज और कल” विषय पर विभिन्न प्रतिभागियों ने अपने आलेख प्रस्तुत किया इस सत्र की अध्यक्षता जानी मानी लेखिका डॉ. मीनाक्षी जोशी ने की और मुख्य अतिथि डॉ. स्नेह सुधा नवल थी | कनाडा से आए प्रोफेसर सरन घई ने अपनी सार्थक उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढाई | विशिष्ट अतिथियों में डॉ. आनंद कुमार सिंह, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. मीना शर्मा तथा वक्ता डॉ. सीमा रानी और डॉ. नूतन पाण्डेय ने लेखक डॉ. राजेश श्रीवास्तव के संचालन में विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा विषय के संदर्भ में नवीन उदभावनाओ एवं संभावनाओ की ओर संकेत किया |

 

तृतीय सत्र में अंतरर्राष्ट्रीय कविता उत्सव का आयोजन किया गया | इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. धनंजय सिंह ने की तथा मुख्य अतिथि थे कवि श्री प्रेम भारद्वाज “ज्ञानभिक्षु” | श्रीमती जया आर्या, श्री राम किशोर उपाध्याय, श्री ओम नारायण तिवारी,डॉ.पुष्पा गोस्वामी,श्री रसिक गुप्ता, श्री विजय स्वर्णकार, डॉ कंचन शर्मा, इंदरजीत शर्मा के साथ श्री सुशील ठाकुर ने कार्यक्रम का संचालन कर मंच कि शोभा बढाई | इस अवसर पर 7 देशों से आमंत्रित कवियों ने काव्य पाठ किया | गंभीर सामाजिक विषयों एवं हास्य व्यंग्य की कविताओं की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को सार्थक स्वरुप प्रदान किया |

 

चतुर्थ सत्र (सांस्कृतिक) में अंतरर्राष्ट्रीय नृत्यकला उत्सव का आयोजन किया गया | कलाकारों द्वारा अपनी नृत्य, गायन कला का प्रदर्शन इस कार्यक्रम के विशेष आकर्षण रहे | प्रसिद्ध नृत्यांगना अनुराधा दुबे, ममता आहार एवं वीना श्रीवास्तव ने एकल नृत्य प्रस्तुति दे भारत की सांस्कृतिक विरासत की छठा हंगरी में बिखेर दी |

समापन सत्र में सभी उपस्थित विशिष्ट अथितियों द्वारा सभी प्रतिभागियो को यथा योग्य सम्मान दिया गया | साहित्य सिंधु, कला सिन्धु , हिन्दी गौरव सम्मान, एवं साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किए गए | सातवें अंतरर्राष्ट्रीय साहित्य एवं संस्कृति सम्मेलन,2017 का समापन श्री आशीष कंधवे द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्र गान के साथ हुआ |

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